Thursday, October 29, 2020

दिल्ली के इस स्कूल से 5 बच्चे IIT और 22 बच्चे नीट में हुए सफल, सिसोदिया बधाई देने खुद पहुंचे

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने मंगलवार को दिल्ली सरकार (Delhi Gov.) के एक स्कूल आरपीवीवी, पश्चिम विहार (Rajkiya Pratibha Vikas Vidhyalaya, Paschim Vihar) का दौरा किया. इस साल इस स्कूल के 5 बच्चे आईआईटी (IIT) और 22 बच्चों नें नीट (NEET) की परीक्षा क्वालीफाई किया है.



 



नई दिल्ली. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने मंगलवार को दिल्ली सरकार (Delhi Gov.) के एक स्कूल आरपीवीवी, पश्चिम विहार (Rajkiya Pratibha Vikas Vidhyalaya, Paschim Vihar) का दौरा किया. इस साल इस स्कूल के 5 बच्चे आईआईटी (IIT) और 22 बच्चों नें नीट (NEET) की परीक्षा क्वालीफाई किया है. सिसोदिया नें स्कूल जाकर वहां के शिक्षकों और प्रिंसिपल को इस ऐतिहासिक सफलता की बधाई दी. सिसोदिया ने कहा कि, 'जिस तरह आपके स्कूल से पांच बच्चे आईआईटी में और 22 बच्चे नीट की परीक्षा में सफल हुए हैं, वैसा ही कमाल बाकी सभी स्कूलों भी कर सकते हैं.. मैं आपको इस सफलता की बधाई देने आया हूं. आपकी बेस्ट प्रेक्टिस से अन्य स्कूल भी सीख सकते हैं.'


5 बच्चे का IIT और 22 बच्चों का नीट में हुआ चयन
इस साल आरपीवीवी स्कूल, पश्चिम विहार के पांच बच्चों को आइआइटी में एडमिशन का मौका मिला है. इसी स्कूल के 22 बच्चों ने नीट में भी सफलता हासिल की है. सिसोदिया ने कहा, 'मुख्यमंत्री केजरीवाल का सपना है कि दिल्ली के हर सरकारी स्कूल के बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने और देश का नाम रौशन करने का भरपूर अवसर मिले. पांच साल पहले हमने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में उत्कृष्ट शिक्षा का सपना देखा था. अब बारहवीं के बोर्ड में 98 फीसदी रिजल्ट आने और जेईई और नीट में मिली सफलता बताती है कि हमारा सपना साकार हो रहा है. इससे यह भी पता चलता है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता काफी उच्चस्तरीय हो चुकी है. हमें इन सफलताओं से सीखते हुए दिल्ली की शिक्षा-क्रांति को इतना कारगर बनाना है ताकि इससे देश ही नहीं, पूरी दुनिया को प्रेरणा मिले.


इस दौरान स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों ने अपनी बेस्ट प्रेक्टिस की विस्तार से जानकारी दी. प्रिंसिपल प्रीति सक्सेना ने कहा कि हमलोग छठी से आठवीं कक्षा के दौरान ही बच्चों को सभी प्रकार के शैक्षणिक कैरियर के बारे में जागरूक करते हैं ताकि वे अपना सही रास्ता चुन सकें. उन्होंने कहा कि हमने फाइव-सी मॉडल अपनाया है. इसमें कनेक्ट, काउंसिलिंग, कांस्टेंट मोटिवेशन, क्यूरियोसिटी और क्रिएटिव थिंकिंग शामिल है.'

सफलता के लिए कोचिंग की जरूरत नहीं- शिक्षक
अन्य शिक्षकों ने बताया कि हमने बच्चों को रोचक एवं व्यावहारिक तरीकों से सिखाने की भरपूर कोशिश की. जैसे, फिजिक्स कांसेप्ट समझाने के लिए मैकेनिकल लैब का उपयोग किया जाता है. शिक्षकों ने कहा कि हमने बच्चों की यह धारणा बदलने का भरपूर प्रयास किया कि जेईई, नीट में सफलता के लिए कोचिंग जरूरी है. बच्चों ने हम पर भरोसा किया और सफलता मिली.
शिक्षकों ने यह भी बताया कि केजरीवाल सरकार द्वारा हमें कैम्ब्रिज और सिंगापुर में मिले प्रशिक्षण का भी इस सफलता में बड़ा योगदान है. साथ ही हमें मिले टैबलेट जैसे उपकरणों ने भी अच्छी तरह शिक्षण में काफी मदद की. शिक्षकों ने कहा कि बच्चों की सफलता से हमारा उत्साह काफी बढ़ा है और हमारे लिए यह गर्व की बात है कि शिक्षा मंत्री हमसे मिलने स्वयं आये हैं.


sbj Classes

Author & Editor

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