बोर्ड ने सभी प्रधानाचार्यों के डिजिटल हस्ताक्षर लेने की प्रक्रिया शुरू की
मार्कशीट, सर्टिफिकेट के साथ ही सभी कामों में आएगी तेजी
संवाद न्यूज एजेंसी
बड़ौत। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के छात्रों को अब अपने कामों के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। बोर्ड ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के डिजिटल हस्ताक्षर लेने शुरू कर दिए हैं। बोर्ड ने इसकी शुरुआत 9वीं और 11वीं के रजिस्ट्रेशन में और 10वीं और 12 वीं के एलओसी (लिस्ट ऑफ कैंडिडेट) भरने से किया है।
सीबीएसई की ओर से पहली बार स्कूल प्राचार्य का डिजिटल हस्ताक्षर लिया जा रहा है। इस हस्ताक्षर का इस्तेमाल बोर्ड के अलावा स्कूल गतिविधियों में भी किया जाएगा। प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर को बोर्ड और स्कूल रिकॉर्ड में रखा जाएगा। इससे जब जरूरत होगी तो हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया जा सके। बोर्ड की मानें तो इससे समय की बचत होगी। अभी तक स्कूल में किसी काम के लिए स्कूल मोहर का इस्तेमाल किया जाता था।
यह होंगे फायदे
1- अब प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर के लिए छात्रों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा
2- मार्क्स वेरिफिकेशन, प्रमाणपत्र वेरिफिकेशन का काम जल्दी होगा
3- बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय और स्कूल के बीच होने वाले सारे काम में तेजी आएगी
4- प्रधानाचार्य के डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल स्कूल स्टाफ द्वारा किया जा सकेगा
5- प्रधानाचार्य के स्कूल में उपलब्ध नहीं होने पर भी छात्र का काम आसानी से हो जाएगा
फर्जीवाडे़ पर लगेगी लगाम
इस व्यवस्था से स्कूल प्रधानाचार्य के फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। बोर्ड किसी भी स्कूल के फर्जीवाडे़ को आसानी से पकड़ सकेगा। बोर्ड की मानें तो आए दिन स्कूल बिना किसी सूचना के प्रधानाचार्य को बदल देते हैं। अब प्रधानाचार्य को बदलने से पहले स्कूल प्रशासन द्वारा बोर्ड को इसकी जानकारी दी जाएगी। इससे बोर्ड के पास किस स्कूल में कौन प्रधानाचार्य है, इसकी जानकारी रहेगी। वनस्थली पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य रणवीर सिंह ने बताया कि अब सीबीएसई ई-आफिस की ओर से जा रहा है। पेड़ और पेपर बचाने, कार्यों की रफ्तार बढ़ाने के लिए यह बदलाव किया गया है।
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