MP School Reopening : मध्य प्रदेश में एक अप्रैल से खुलने जा रहे स्कूलों पर कोरोना का भय फिर से भारी पड़ते दिख रहा है. राज्य में जिस तरह से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं इसे देखते हुए सरकार ने स्कूलों को खोलने से पहले एक समीक्षा बैठक करने का फैसला किया है.
भोपाल. मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू करने की योजना पर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि एक अप्रैल से स्कूल खोलने के फैसले की दोबारा समीक्षा की जाएगी. इससे पहले राज्य के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने शिक्षा विभाग को करीब दस महीने से बंद स्कूलों में एक अप्रैल से पढ़ाई शुरू करान के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री चौहान ने अब कहा है कि बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल खोलने से पहले कोरेाना के खतरे की समीक्षा की जाएगी. यह जानकारी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दी है.
शिक्षा मंत्री परमार ने बताया कि जिस तरह देश और प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए जल्द ही एक रिव्यू मीटिंग बुलाई जाएगी. जिसमें स्कूलों के प्रधानाचार्य और एक्सपर्ट शामिल होंगे. इस रिव्यू मीटिंग के बाद ही स्कूलों को खोलने का फैसला लिया जाएगा.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिखा था पत्र
स्कूलों को खोलने से पहले स्थिति की समीक्षा के फैसले को मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा राज्य मंत्री को लिखे गए पत्र से भी जोड़कर देखा जा रहा है. आयोग ने पत्र लिखकर स्कूल शिक्षा विभाग से नया सत्र शुरू करने से पहले कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करने को कहा था. इसके अलावा आयोग ने खुद भी स्कूलों की समीक्षा की बात कही थी.
शिक्षा मंत्री ने बताई थी स्कूल खोलने की पूरी योजना
शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इसके पहले एक अप्रैल से स्कूलों को खोलने की पूरी योजना के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि भोपाल और इंदौर को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में पहली से आठवीं तक के स्कूल खोले जाएंगे. उस दौरान उन्होंने कहा था कि कोरोना की वजह से पिछले सत्र में छात्रों को काफी नुकसान हुआ है. इसलिए वायरस के डर से अब और अधिक समय तक स्कूल बंद नहीं रखे जा सकते.
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